यूएन में कश्मीर पर पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री ने निकाली अपनी भड़ास
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 के भारत सरकार के फैसले और कश्मीर पर परिसीमन आयोग की सिफारिशों जैसे कदम न केवल कश्मीर के लोगों पर बल्कि संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, उसकी प्रस्तावना और चौथा जिनेवा कन्वेंशन।

पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत पर निशाना साधा।
बिलावल ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘संघर्ष और खाद्य सुरक्षा’ विषय पर खुली बहस में भाग लेते हुए कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र की स्थापना समस्याओं को सुलझाने, युद्ध समाप्त करने, शांति बनाए रखने के इरादे से की गई थी। भूख, गरीबी और हताशा के खिलाफ लड़ो।
इस दौरान बिलावल ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की आलोचना की और इसे संयुक्त राष्ट्र की प्रस्तावना का उल्लंघन बताया।
उन्होंने भारत में कश्मीरी लोगों पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए उनकी आलोचना भी की। बिलावल ने कहा, 5 अगस्त 2019 के भारत सरकार के फैसले और कश्मीर पर परिसीमन आयोग की सिफारिशें न केवल कश्मीर के लोगों पर हमला हैं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, इसकी प्रस्तावना और चौथा जिनेवा कन्वेंशनपर भी हमला है।
बिलावल ने कश्मीर विवाद पर संयुक्त राष्ट्र की निष्क्रियता का भी हवाला दिया।

उन्होंने कहा, “कश्मीर के बहुसंख्यक मुस्लिमों को उनकी ही जमीनों और घरों में अल्पसंख्यक बनाया जा रहा है। इसने कश्मीर के युवाओं के सामने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि इस संघर्ष को कौन सुलझाएगा और जो शांति उनसे देने का वादा किया गया था, उसे कौन बहाल करेगा।” लेकिन इन सबके बीच संयुक्त राष्ट्र हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
बिलावल ने कहा, “जिन लोगों को खाद्य सुरक्षा की चिंता है, हम उन्हें कश्मीर मुद्दे को सुलझाने की चुनौती देते हैं।” दक्षिण एशिया में शांति के द्वार खोलो और देखो कि पाकिस्तान और भारत के किसान दुनिया का पेट कैसे भर सकते हैं।
उन्होंने कहा, दुनिया की महाशक्तियों के बीच बढ़ती दुश्मनी के साथ, राजनीतिक चर्चा नगण्य हो गई है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कई मौकों पर पंगु हो गई है। पुराने विवाद बढ़ते जा रहे हैं जबकि नए विवाद सामने आ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के माध्यम से 76 साल पहले बनाई गई वैश्विक व्यवस्था ढह रही है।
बिलावल ने यह भी कहा कि भारत के साथ पाकिस्तान के संबंध और जटिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस समय आर्थिक गतिविधि, चर्चा और कूटनीति के लिए व्यावहारिक स्थान बहुत सीमित हो गया है।
इस बहस के दौरान उनसे भारत के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के बारे में एक सवाल पूछा गया, जिस पर उन्होंने कहा कि भारत के इस फैसले की निंदा की जानी चाहिए।