कुर्ता-पायजामा पहनने पर टीचर को हड़काने वाले लखीसराय डीएम संजय सिंह ने वायरल वीडियो पर दी ये सफाई
स्कूल में कुर्ता-पायजामा पहनकर आने वाले लखीसराय डीएम संजय सिंह (Lakhisarai DM Sanjay Singh) ने इस मामले में बयान जारी कर कहा है कि स्कूल में कुप्रबंधन से नाराज थे। लड़कियों की क्लॉस में लाइट नहीं थी।

शिक्षक से हुए विवाद को लेकर डीएम संजय कुमार सिंह ने कहा- मैंने उससे कहा कि उसकी पोशाक एक शिक्षक की नहीं है, जिसे छात्रों द्वारा एक आदर्श के रूप में देखा जाता है। मुझे कुर्ता-पायजामा से कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन यह सच है कि मैं गुस्से में था।
राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने इस मामले को लेकर कहा कि- बिहार में ऐसे कई उदाहरण हैं जब अधिकारियों ने स्कूलों का निरीक्षण किया और शिक्षकों को सार्वजनिक रूप से कैमरे के साथ फटकार लगाई, ताकि वे कुछ भी कैप्चर कर सकें, जिसे वायरल किया जा सके। इससे सस्ता प्रचार पाने का तरीका नहीं हो सकता। अधिकारी शिक्षकों को अपमानित करने या उनका मजाक बनाने की कोशिश करते रहे हैं। अगर किसी चीज की कमी है तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाना चाहिए। आखिर इन सभी शिक्षकों की नियुक्ति सरकार ने की है। अधिकारी शिक्षकों का मजाक नहीं उड़ाते हैं। वे अपने आचरण से अपनी ही सरकार का मजाक उड़ाते हैं जिसे वे खुश रखने की कोशिश करते हैं।
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने इस मामले को लेकर कहा कि यह शर्म की बात है। एक सरकारी कर्मचारी को उम्र में अपने से बड़े शिक्षक का अपमान करने जरूरत नहीं है। डीएम संजय कुमार सिंह को लेकर उन्होंने कहा कि वह एक महत्वपूर्ण पद पर हो सकता हैं, लेकिन उसका व्यवहार क्षुद्र है। अधिकारी से किसने कहा कि पायजामा-कुर्ता जनप्रतिनिधियों का ही पहनावा है?
बिहार कांग्रेस ने भी इस मामले पर ट्वीट कर कहा कि क्या प्रशासन तय करेगा कि क्या पहनना है, क्या खाना है और क्या सोचना है? पूर्व सांसद पप्पू यादव ने ट्वीट किया: नीतीश जी, डीएम के पास शिक्षक से बात करने का शिष्टाचार नहीं है। शिक्षा माफियाओं पर नकेल कसने के बजाय वे शिक्षकों का अपमान करते हैं। उनका वेतन तुरंत रोका जाना चाहिए।