वर्तमान में Period Leave को शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं,लोकसभा में बोलीं Smriti Irani
सरकारी विभागों में पीरियड लीव को शामिल करने का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में यह जानकारी दी है. लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1972’ में पीरियड लीव का कोई प्रावधान नहीं है। इतना ही नहीं, फिलहाल ऐसी छुट्टियों को इन नियमों में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

स्मृति ईरानी ने यह भी उल्लेख किया कि 2011 से, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 10-19 वर्ष की आयु की किशोरियों में मासिक धर्म की स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं को लागू कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य लड़कियों में मासिक धर्म की स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इतना ही नहीं, उच्च गुणवत्ता वाले सैनिटरी नैपकिन तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करना, उनके उपयोग पर जोर देना और नैपकिन का सुरक्षित निपटान भी इस योजना का उद्देश्य है।
The power sector is an important economic driver for a strong, AatmaNirbhar Bharat.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) July 30, 2022
It is a matter of concern that several State Governments’ outstanding dues to Power GENCOs have surmounted to ₹2.5 lakh crore. pic.twitter.com/Tp0sbdiLXL
इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू ‘सेंट्रल सिविल सर्विसेज (लीव) रूल्स, 1972’ में पीरियड लीव का कोई प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि इन नियमों के तहत सरकारी महिला कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार की छुट्टी दी गई है. जैसे अर्जित अवकाश, अर्ध-वेतन अवकाश, असाधारण अवकाश, बाल देखभाल अवकाश, परिवर्तित अवकाश, मातृत्व अवकाश, चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अवकाश आदि।
सार्वजनिक कार्यालयों की महिला कर्मचारियों के लिए सैनिटरी नैपकिन और दवा तक पहुंच के संबंध में स्मृति ईरानी ने कहा कि रासायनिक उर्वरक मंत्रालय के तहत दवा विभाग ने प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना को लागू किया, जो महिलाओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस परियोजना के तहत देश भर में 8700 से अधिक जन औषधि केंद्र स्थापित किए गए, जहां एक रुपये प्रति पैड के हिसाब से ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराए गए।