हीरोइनों को नीना गुप्ता की नसीहत, कहा– शादीशुदा डायरेक्टर के साथ कभी मत सोना
बॉलीवुड कि कद्दावर अभिनेत्री नीना गुप्ता पिछले काफी वक़्त से सुर्खियों बटोर रही है। दरसअल इसके पीछे कि वजह है उनकी आने वाली किताब सच कहूं तो, जिसमें उन्होंने अपनी आत्मकथा लिखी है। वैसे तो अभिनेत्री नीना गुप्ता बॉलीवुड में में काफी समय से अपने नाम के लिए जद्दोजहद कर रही है। वही, अगर अभिनेत्री के करियर को देखें तो उन्होंने अभिनय कि शुरुआत 1982 में साथ-साथ और गांधी जैसी फिल्मों में छोटे रोल कर की थी।

हालांकि, 1982 से इंडस्ट्री में इंडस्ट्री में अपनी एड़ियां रगड़ने वाली नीना गुप्ता पूरी उम्र लीड एक्ट्रेस के तौर पर काम करने को तरसती रही, मगर उन्हें एक फ़िल्म भी नहीं मिल पाई। लेकिन नीना गुप्ता की ये ख़्वाहिश पूरी हुई 2018 में आई फिल्म बधाई हो से पर अफ़सोस तब तक उनकी 60 बरस उम्र हो चुकी थी। पर ये फिल्म बधाई हो उनके जीवन की टर्निंग पॉइंट साबित हुई, इस फ़िल्म ने उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फ़िल्म फेयर अवॉर्ड दिलवाया। वो कहावत है ना ‘देर आये मगर दुरस्त आये’, नीना गुप्ता के जीवन में यह कहावत एक दम सटीक बैठती है।
नीना गुप्ता की अभी तक कि जर्नी काफी उतार चढ़ाव वाली है, और यह सब उन्होंने जस का तस अपनी किताब में लिख दिया है। इस किताब में उन्होंने अपने स्ट्रगल से ले कर कास्टिंग काउच तक के हर अनुभवों को बेबाकी से लिखा है। इसी बीच वे इंडस्ट्री में काम करने के लिए आई नई अभिनेत्रियों को एक नसीहत भी देती हैं। नीना गुप्ता अपनी किताब में साफ शब्दों में यह कहती हैं कि कभी भी शादीशुदा डायरेक्टर या प्रड्यूसर के साथ मत सोना।
अपनी आत्मकथा के चैप्टर ‘इफ आई कुड टर्न बैक टाइम…’ (यदि में जीवन में पीछे जा सकती तो…) में नीना गुप्ता लिखती हैं, ‘कभी किसी शादीशुदा डायरेक्टर या प्रड्यूसर के साथ मत सोना। क्योंकि यह आपको कैजुअल लग सकता है, क्योंकि हर कोई यह करता है और इसे स्वीकार भी किया जाता है, लेकिन ऐसा कर आप फिर कभी उस डायरेक्टर-प्रड्यूसर के साथ कभी काम नहीं कर पाएंगे।’
नीना गुप्ता लिखती हैं कि “इसके पीछे का कारण यह है कि कोई भी शख्स अपने आस-पास ऐसी कोई चीज नहीं चाहता, जिससे उसे मुश्किल हो। वह आपके लिए अपनी पत्नी को कभी नहीं छोड़ेगा, यह कोई आश्चर्य करने की बात भी नहीं है, क्योंकि आप कोई पहली एक्ट्रेस नहीं हैं, जिसके साथ वो हमबिस्तर हुआ हो। इनमें से बहुत से लोग तो ऐसे भी होते हैं जो अपने इरादों को लेकर बहुत साफ रहते हैं। जबकि कुछ ऐसे होते हैं जो ऐक्ट्रेसेस को अपने प्यार के में फंसाते हैं, ठीक उसी तरह जैसे एक स्टूडेंट अपने टीचर से प्यार करने लगता है।”