Sanitation workers went on strike due to outsourcing agency's arbitrariness

आउटसोर्सिंग एजेंसी की मनमानी के शिकार सफाई कर्मी गए हड़ताल पर

संवाद सहयोगी, लखीसराय : नगर परिषद लखीसराय में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। वित्तीय अनियमितता के साथ ही अराजकता भी कायम है। यही वजह है कि हर महीने यहां के सफाईकर्मी अपने लंबित मानदेय के लिए हड़ताल पर चले जाते हैं और शहर में कूड़े के बीच लोगों की जिदगी बसर होती है। जबकि शहर की सफाई से लेकर डोर टू डोर कचरा का उठाव करने के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी प्रताप सेवा संकल्प को 35 से 38 लाख रुपये का भुगतान हर माह किया जा रहा है।

नगर परिषद लखीसराय में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। वित्तीय अनियमितता के साथ ही अराजकता भी कायम है।

बावजूद एजेंसी की मनमानी के शिकार सफाई मजदूर हो रहे हैं। इनका आर्थिक दोहन भी एजेंसी कर रही है। बावजूद इसके एजेंसी की इस कारगुजारी के आगे नगर परिषद खुद को सरेंडर कर दिया है। इस कारण एजेंसी अपनी मर्जी के अनुसार शहर की सफाई कार्य कर रहा है। एजेंसी द्वारा समय मानदेय नहीं देने के कारण सफाई मजदूर दो दिनों से हड़ताल पर हैं। जबकि एजेंसी ने अपने अधिकांश सुपरवाइजर को मानदेय का भुगतान कर दिया है। मजदूरों की मानें तो जून का मानदेय एजेंसी ने नहीं दिया है। जबकि जुलाई बीतने को है। एजेंसी के कर्मी हड़ताल पर हैं। इसकी चिता नप प्रशासन को नहीं है।

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शहर में पसरी है गंदगी, घरों से कचरा उठाव बंद

एजेंसी के सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण शहर में कचरा और गंदगी का अंबार लगा हुआ है। 21,000 से अधिक घरों से कचरा का उठाव भी बंद है। लोग परेशान हैं। नगर परिषद के सफाई इंस्पेक्टर जितेंद्र रावत ने बताया कि मास्टर रोल के सफाई कर्मी से काम लिया जा रहा है। एजेंसी के कर्मी हड़ताल पर हैं। इसकी कोई लिखित जानकारी नहीं दी गई है लेकिन हमने कार्यपालक पदाधिकारी को हड़ताल की जानकारी दे दी है।

एजेंसी का विरोध करने पर कर दिया जाता है कार्यमुक्त

प्रताप सेवा संकल्प एजेंसी ने करीब दो दर्जन सुपरवाइजर और करीब ढाई सौ मजदूरों को बहाल कर रखा है। नगर परिषद का एजेंसी संचालक के साथ एग्रीमेंट है। एजेंसी द्वारा सफाई कर्मियों को कितनी राशि मानदेय के रूप में दी जाती है, समय पर मानदेय मिलता है या नहीं इससे नगर परिषद को मतलब नहीं रहता है। इसका फायदा एजेंसी उठा रहा है। हाल ही एजेंसी ने दर्जन भर से अधिक सुपरवाइजर को हटा दिया। कई सफाई कर्मी जिसने एजेंसी के खिलाफ आवाज उठाई उसे भी काम से हटा दिया गया। एजेंसी से जुड़े सफाई कर्मियों ने बताया कि मनमाने ढंग से पीएफ के नाम पर राशि काटी जाती है और समय पर भुगतान नहीं किया जाता है। नप ईओ आशुतोष आनंद चौधरी ने कहा कि एजेंसी के संचालक को बुलाकर इस समस्या का समाधान किया जाएगा।

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