ज्ञानवापी में शिवलिंग: ज्ञानवापी मामले को ‘औरंगजेब’ से जोड़ने पर भड़के ओवैसी, कहा- शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा मिला
उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कोर्ट के आदेश पर कराए गए सर्वे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. मस्जिद कमेटी ने सर्वे के खिलाफ याचिका दायर की है। हालांकि इस मामले में सियासत भी तेज होती जा रही है. इस मुद्दे पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मुखर हो गए हैं।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर सियासत गरमा गई है. नेताओं के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है. इसी क्रम में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आज दो सिलसिलेवार ट्वीट किए और पीएम मोदी पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने इस मामले को पूर्व मुगल शासक औरंगजेब से जोड़े जाने पर भी नाराजगी जताई है।
सर्वे कमिश्नर की रिपोर्ट पढ़े बग़ैर, मुस्लिम पक्ष सुने बग़ैर, वाराणसी की अदालत ने फैसला दे दिया। निचली अदालत का फैसला मुकम्मल तौर पर ग़ैर-मुंसिफ़ाना है। https://t.co/jhb5xSow8o
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 18, 2022
ओवैसी ने ट्वीट कर कटाक्ष करते हुए लिखा कि अगर इतिहास की बात करनी है तो यह बहुत आगे निकल जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के असली मुद्दे को भटकाने के लिए औरंगजेब को हर चीज में घसीटा जा रहा है. बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई के लिए सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी ही जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि उस समय के मुगल शासक औरंगजेब भी हैं। दरअसल काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत परिवार के मुखिया डॉ. वीसी तिवारी ने पूर्व मुगल शासक औरंगजेब को ज्ञानवापी मंदिर तोड़े जाने का आरोप लगाया है. तिवारी के अनुसार 1669 में औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण कराया था। इससे पहले 14वीं शताब्दी में जौनपुर के शर्की सुल्तान ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया था।
संघ ने #ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कई झूठ फैलाएँ हैं। यासीन साहब ने नंदी, मस्जिद की दीवार और कथित शिवलिंग का सच बता दिया।लोगों को झूट की बुनियाद पर गुमराह किया जा रहा है, और इस झूट को “आस्था” का लिबास पहनाया जा रहा है।संघियों की सच्चाई से पुरानी दुश्मनी है।https://t.co/4MgYvYy4u3
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 18, 2022
शिव लिंग नहीं, फव्वारा था: ओवैसी
वहीं ज्ञानवापी मुद्दे पर ओवैसी ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि मस्जिद कमेटी के मुताबिक यह कोई शिव लिंग नहीं, बल्कि एक फव्वारा था. शिवलिंग मिल जाता तो कोर्ट के कमिश्नर को यह बताना चाहिए था। इसके अलावा ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह ज्ञानवापी मस्जिद है, और कयामत तक रहेगी इंशाअल्लाह। ओवैसी ने कहा कि यह 1991 के संसद अधिनियम का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होनी है. इससे पहले सोमवार को जिला अदालत ने सीलिंग का आदेश दिया था. यह देश के मुसलमानों के साथ विश्वासघात है। ओवैसी ने कहा कि जब इस देश को संविधान से चलाया जा रहा है तो सत्ताधारी दल के साथ कई संगठन मनमानी क्यों कर रहे हैं. 1991 में जब यह स्पष्ट हो गया कि अभी जो भी धार्मिक ढाँचे हैं और वे यथास्थिति में रहेंगे, तो उन कृत्यों को क्यों उड़ाया जा रहा है।

ज्ञानवापी सर्वे पर आज सुप्रीम कोर्ट में हो सकती है सुनवाई
उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कोर्ट के आदेश पर कराए गए सर्वे का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. मस्जिद कमेटी ने सर्वे के खिलाफ याचिका दायर की है। इस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है. जबकि एलआईसी के शेयर आज लिस्ट होंगे। इसे लेकर निवेशकों में अच्छा माहौल नहीं है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा यूपी बोर्ड कक्षा 12वीं के छात्रों को एक विशेष अवसर दिया जा रहा है।